दहशत में ना आएं, अफवाहों से बचें, जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करें – उपायुक्त
डेस्क/सुरेन्द्र
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का मामला, लक्षण मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में कराएं उपचार
उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव ने वीडियो संवाद के माध्यम से अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
बोकारो, 01 फरवरी: उपायुक्त (डीसी) श्रीमती विजया जाधव ने शुक्रवार को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएसडब्ल्यूओ, डीईओ/डीएसई, सभी बीडीओ/सीओ/एमओआइसी, एपीआरओ आदि के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिए गए निर्देशों से सभी को अवगत कराया।
उपायुक्त ने कहा कि इस बीमारी को लेकर किसी भी प्रकार की दहशत में आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र के पुणे में सामने आए हैं, जबकि झारखंड के रांची जिले में एक संभावित मामला प्रकाश में आया है, जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री महाराष्ट्र से जुड़ी हुई है। अतः किसी भी तरह की अफवाहों से बचें और सही जानकारी प्राप्त करें।
जागरूकता अभियान और रोकथाम के निर्देश
उपायुक्त ने शनिवार को जिले के सभी विद्यालयों में शिक्षकों एवं बच्चों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया, ताकि वे घबराए नहीं और लक्षण दिखने पर उचित कदम उठाएं।
उन्होंने निर्देश दिया कि यदि किसी व्यक्ति को इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो उसे तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल में उपचार कराना चाहिए।
सभी स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।
सिविल सर्जन डॉ. ए.बी. प्रसाद को आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जेएसएलपीएस के महिला समूहों एवं जनप्रतिनिधियों को भी इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी दी गई है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के लक्षण
यदि आपको दस्त, उल्टी, सर्दी या खांसी के साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं:
बाहों या पैरों में अचानक कमजोरी या सुन्नपन और मांसपेशियों को हिलाने में कठिनाई।
हाथों और पैरों में तेजी से बढ़ती कमजोरी।
झुनझुनी या चुभन जैसी सनसनी।
घुटनों या बाहों की मांसपेशियों में कम हरकत।
चलते समय संतुलन खोना या समन्वय में कमी।
बोलने, निगलने या सांस लेने में कठिनाई।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) की रोकथाम के उपाय
जल सुरक्षा उपाय:
पीने के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पानी का उपयोग करें।
पानी को छानकर या उबालकर सेवन करें।
खाद्य सुरक्षा दिशा-निर्देश:
ताजे और स्वच्छ भोजन का सेवन करें।
खुले में रखे अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ खाने से बचें।
पोल्ट्री और मांस को पूरी तरह पकाकर खाएं।
अधपका या कच्चा मांस, अंडा और चिकन खाने से बचें।
कच्चे और पके हुए भोजन को अलग रखें।
हाथ धोने की आदत:
भोजन करने से पहले और शौचालय उपयोग के बाद हाथों को साबुन से धोएं।
स्वच्छता बनाए रखें और दूसरों को भी जागरूक करें।
सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। कृपया अफवाहों से बचें और सतर्क रहें।