तेनुघाट में वनाधिकार कानून के समुचित क्रियान्वयन को लेकर धरना प्रदर्शन, ज्ञापन सौंपा गया
तेनुघाट
बोकारो जिला ग्राम सभा मंच के तत्वावधान में तेनुघाट में वन अधिकार कानून 2006, संशोधित नियम 2008 और 2012 के तहत लंबित दावों के निष्पादन और समुदायिक वन पट्टा निर्गत करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. इसके बाद, मंच के प्रतिनिधियों ने अनुमंडल पदाधिकारी सह अध्यक्ष अनुमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति को ज्ञापन सौंपा.
धरना में वक्ताओं ने कहा कि बोकारो जिले में वनाधिकार कानून को विधिसम्मत तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है. जिले में सैकड़ों व्यक्तिगत और करीब 200 सामुदायिक वनाधिकार दावे लंबित हैं, जिनका निपटारा नहीं हो पाया है. दावों के निराकरण में वन विभाग द्वारा मनमानी की जा रही है, जिससे दावेदारों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. साथ ही, वनाधिकार पट्टों को भी अधूरे रूप में निर्गत किया गया है, जो वनाधिकार कानून के प्रावधानों के अनुरूप नहीं हैं.
वक्ताओं ने वन विभाग पर वनाश्रित आदिवासियों और परंपरागत वन निवासियों पर शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया. गोमिया प्रखंड के वनचतरा, डंडरा, जुरकुंडा, और चित्तू जैसे क्षेत्रों में वनाधिकार कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे किए जा रहे हैं. उन्होंने सरकार से इस शोषण और अत्याचार को रोकने की मांग की.
मंच ने सरकार के ‘अबुआ वीर अबुआ दिशोम’ अभियान को धरातल पर प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की, ताकि जिले में लंबित वनाधिकार दावों का शीघ्र निपटारा हो सके ज्ञापन में वनाधिकार कानून का सही तरीके से क्रियान्वयन करने और वनाधिकार कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने की मांग की गई.
इस धरना में गोमिया विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो, चितरंजन साव सहित अन्य गण्यमान्य लोग भी पहुंचे और अपना समर्थन दिया. बोकारो जिला ग्राम सभा मंच के प्रमुख प्रतिनिधि मोतीलाल बेसरा, बाबूलाल मरांडी, रतिराम किसको, राजेश कुमार महतो, राजेश कुमार हांसदा ने भी सभा को संबोधित किया. प्रदर्शन में हजारों की संख्या में ग्रामीण, पुरुष और महिलाएं शामिल हुए.