नावाडीह: पोखरिया पंचायत में 35 मिनी जलमीनार बनीं ‘सूखी टंकी’, लापरवाह है विभाग और संवेदक
नावाडीह/डेस्क
बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल अंतर्गत नक्सल प्रभावित ऊपरघाट क्षेत्र के पोखरिया पंचायत में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों की लागत से लगभग 35 मिनी जल मीनार का निर्माण किया गया, लेकिन विभागीय उदासीनता और संवेदक की घोर लापरवाही के कारण दो चार को छोड़कर सभी जलमीनार शोभा के बस्तु बनकर रह गया है।
संवेदक ने की मनमानी, विभाग बना मौनदर्शक
ग्रामीणों का कहना है कि संवेदक द्वारा निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती गई। घटिया सामग्री, बिना परीक्षण के निर्माण पूर्ण, और संचालन की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। जिसके कारण करोड़ रुपये बेकार साबित हो रहे हैं।
गुस्से में हैं ग्रामीणों और प्रतिनिधि
पोखरिया पंचायत के पंसस देगलाल तुरी, मुखिया बसंती देवी और समाजसेवी बासुदेव महतो ने चेतावनी दी है कि उक्त मामले की जांच कर कार्रवाई की जाय। इसके अलावा यदि गर्मी के मौसम में पानी नहीं मिला, तो वे रांची स्थित मंत्री आवास के सामने आमरण अनशन करेंगे।
कहाँ बनी है जलमीनारें
पोखरिया पंचायत के पूरनी पोखर, पोखरिया, उपरबंधा, लेडवा कैंड, इटवा बेड़ा, पारगोडा, बेलागढ़, बंशी, तिताही, पिपरा टोंगरी, बूढ़ी सरैया, बेलरगढ़, केसरगढ़ा, भरम टांड़, अंबा चुवा – इन सभी गांवों में जलमीनारें बनी हैं। लेकिन इस जलमीनार से एक बूंद पानी ग्रामीणों को अब तक नहीं मिली है।
मंत्री ने क्या कहा?
पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो इस संबंध में कहा, “मुझे जानकारी नहीं है। अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
विभाग के अधिकारी क्या कहते हैं
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता रामप्रसाद राम ने कहा कि सभी जलमीनार बंद नहीं है। कुछ में मशीन की गड़बड़ी है और कुछ में पंप की चोरी की घटना हुई है। इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। शीघ्र ही बंद जलमीनार को चालू कराया जाएगा।
क्या है ग्रामीणों की मांगें:
बंद जलमीनारों को तत्काल चालू किया जाए। दोषी संवेदक पर आपराधिक मामला दर्ज हो। विभागीय अभियंताओं की लापरवाही की जांच हो। पंचायत स्तर पर पेयजल समिति की सक्रिय भागीदारी हो। अन्यथा आंदोलन के लिए लोग विवश होंगे।