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यूसीडब्ल्यू (एटक) ढोरी ने मजदूरों की 21 सूत्री मांगों को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन

यूसीडब्ल्यू (एटक) ढोरी ने मजदूरों की 21 सूत्री मांगों को लेकर किया जोरदार प्रदर्शन
बेरमो/डेस्क
यूनाइटेड कोल्ड वर्कर्स यूनियन (एटक) ढोरी के बैनर तले मंगलवार को मजदूरों की 21 सूत्री मांगों को लेकर एसडीओसीएम, एएडीओसीएम और ढोरी महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर एसओपी माला कुमारी और कार्मिक प्रबंधक सुरेश सिंह को मांग पत्र सौंपा गया। अधिकारियों ने मजदूरों की आवास मरम्मती, बिजली-पानी, सफाई, प्रमोशन आदि समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
प्रदर्शनकारी मजदूरों का जुलूस पुराना बीडीओ ऑफिस से नारेबाजी करते हुए निकला और ढोरी महाप्रबंधक कार्यालय के पास सभा में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लखनलाल महतो ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार मजदूर विरोधी फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि देश के मजदूरों और किसानों के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है, जिसे एकजुट होकर रोकने की जरूरत है।
लखनलाल ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार चारों लेबर कोड जैसे “काले कानून” को वापस नहीं लेती, तो 20 मई को देशव्यापी आंदोलन को सफल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया में अब 80% उत्पादन आउटसोर्सिंग के जरिए हो रहा है, और जल्द ही यह 100% हो जाएगा। यह मजदूरों के अस्तित्व पर सीधा हमला है।
सभा में मौजूद नेताओं ने यह भी बताया कि वर्तमान में कोल इंडिया में मात्र 2.10 लाख मैनपावर शेष रह गए हैं। आउटसोर्सिंग में लगे मजदूरों को एचपीसी वेज नहीं मिल रहा, उनका शोषण जारी है। लखनलाल ने कहा कि 2025 मजदूरों के लिए “करो या मरो” का वर्ष होगा, क्योंकि केंद्र सरकार अप्रैल माह से चारों लेबर कोड लागू करने वाली है, जो मजदूरों के लिए फांसी का फंदा साबित होगा।
क्षेत्रीय अध्यक्ष जितेंद्र दूबे और सचिव भीम महतो ने प्रबंधन से मांग की कि मजदूरों की सभी समस्याओं का अविलंब समाधान किया जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके। कार्यक्रम का संचालन एरिया कार्यकारी अध्यक्ष जवाहर लाल यादव ने किया।
इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मजदूर शामिल हुए, जिनमें सुजीत घोष, गणेश प्रसाद, सुरेश शर्मा, रामचंद्र मांझी, नरेश महतो, रविंद्र गिरि, नंद किशोर सिंह, बुटल महतो, शंकर ठाकुर, सीताराम घोबी, शिव नारायण राजू महतो, राजेंद्र रविदास, राम नारायण महतो, झरि महतो, बालेश्वर, भूषण सिंह, गुलेश्वर महतो, निमाई पाल, छोटेलाल घासी, मुन्ना लोहार, परमेश्वर महतो सहित सैकड़ों मजदूर शामिल थे।

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