कबीर दास डाॅ आंबेडकर के गुरु
झारखंड/सुरेन्द्र मैत्रेय
बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने कबीर को अपना गुरु माना, और इसके कई महत्वपूर्ण कारण थे। डॉ. अम्बेडकर भारतीय समाज के प्रमुख सुधारकों और दलित आंदोलन के नेताओं में से एक थे। कबीर की शिक्षाओं और उनकी सामाजिक दृष्टिकोण ने अम्बेडकर को गहरे स्तर पर प्रभावित किया। यहाँ कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं कि क्यों बाबा साहेब कबीर को अपना गुरु मानते थे:
1. सामाजिक समानता और न्याय
कबीर ने अपने समय में जाति-पाति, धर्म-सम्प्रदाय और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने मानवता और समानता की बात की और सामाजिक अन्याय का विरोध किया। डॉ. अम्बेडकर भी समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। कबीर की शिक्षाएँ अम्बेडकर के सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के साथ मेल खाती थीं।
2. धार्मिक समानता
कबीर ने हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की कट्टरता और पाखंड का विरोध किया। उन्होंने एक ऐसे ईश्वर की बात की जो सभी के लिए समान हो। अम्बेडकर, जो खुद भी धार्मिक भेदभाव के शिकार रहे थे, कबीर की इस धार्मिक समता से प्रेरित थे।
3. व्यक्तिगत सुधार और आध्यात्मिकता
कबीर ने आत्म-ज्ञान, सच्ची भक्ति और व्यक्तिगत सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. अम्बेडकर ने भी आत्म-सुधार और शिक्षा को समाज सुधार के महत्वपूर्ण उपकरण माना। कबीर के आध्यात्मिक विचारों ने अम्बेडकर को व्यक्तिगत और सामूहिक सुधार के लिए प्रेरित किया।
4. साधारण और सटीक भाषा में ज्ञान का प्रसार
कबीर ने साधारण भाषा में गहरी और सटीक बातें कही, जिससे आम जनता तक उनकी बात पहुँच सकी। डॉ. अम्बेडकर भी सरल और सटीक भाषा में अपने विचार व्यक्त करते थे ताकि अधिक से अधिक लोग उनकी बात समझ सकें और उससे प्रेरणा ले सकें।
5. मानवता का संदेश
कबीर का संदेश मानवता, प्रेम, और आपसी भाईचारे का था। अम्बेडकर ने भी समाज में मानवता और आपसी सम्मान की स्थापना के लिए कार्य किया। कबीर की मानवतावादी दृष्टिकोण ने अम्बेडकर को उनके संघर्ष में नैतिक समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया।
डॉ. अम्बेडकर ने कबीर को इसलिए अपना गुरु माना क्योंकि कबीर की शिक्षाएँ और दृष्टिकोण उनके सामाजिक, धार्मिक और व्यक्तिगत सुधार के सिद्धांतों से मेल खाते थे। कबीर की कविताओं और दोहों में जो सच्चाई, समानता, और न्याय का संदेश था, उसने अम्बेडकर को गहराई से प्रभावित किया और उनके जीवन और कार्यों में मार्गदर्शन प्रदान किया।