चार सूत्री मांगों को लेकर सेल प्रबंधन के साथ वार्ता विफल
गुवा खदान में 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन स्लो डाउन आंदोलन प्रारंभ होगा – मधु कोड़ा
सिद्धार्थ पाण्डेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)
संयुक्त यूनियनों ने देर शाम को सेल कर्मियों, ठेका मजदूरों, सप्लाई मजदूरों, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, जनप्रतिनिधियों और ग्रामवासियों के साथ मिलकर गुवा सेल के जनरल ऑफिस का घेराव किया। यह घेराव गुवा सेल खदान में बाहरी 18 लोगों को दिए गए जॉइनिंग को निरस्त करने की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि गुवा सेल में पिछले दिसंबर माह में बोकारो और अन्य राज्यों से आए 18 बाहरी लोगों को जॉइनिंग दिए जाने के विरोध में संयुक्त यूनियनों ने लगातार आंदोलन किया था। सेल प्रबंधन ने बोकारो में सेल के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें आश्वासन दिया गया कि गुवा सेल में 18 बाहरी लोगों को जॉइनिंग नहीं दी जाएगी। इसके बाद संयुक्त यूनियनों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था।
हालांकि, मई माह में संयुक्त यूनियनों को धोखे में रखकर चुनाव को लेकर आचार संहिता लगते हीं बाहरी 18 लोगों को जॉइनिंग गुवा सेल प्रबंधन द्वारा करा दी गई। संयुक्त यूनियन ने इसका पुरजोर विरोध किया। इसके लिए मजदूरों के साथ पिछले बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई गई थी, जिसमें मांग की गई थी कि बाहरी 18 लोगों की जॉइनिंग को निरस्त किया जाए या 500 सप्लाई और ठेका मजदूरों को परमानेंट किया जाए। लेकिन सेल प्रबंधन ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
इस आंदोलन के तहत गुवा जनरल ऑफिस में शक्ति प्रदर्शन कर घेराव किया गया। इसके बाद सेल प्रबंधन वार्ता के लिए बैठक की, जो शाम 5 बजे से 6 बजे तक चली। लेकिन चार सूत्री मांगों को लेकर सेल की गुवा प्रबंधन एवं आंदोलनकारियों के बीच यह वार्ता बेनतीजा निकली। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि प्रबंधन ने उनकी चारों मांगों में से किसी भी मामले को मानने से इंकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि गुवा खदान में 4 जुलाई से अनिश्चितकालीन स्लो डाउन आंदोलन प्रारंभ होगा। जो चरणबद्ध चलेगा।
इस वार्ता में गुवा खदान के सीजीएम कमल भाष्कर, महाप्रबंधक सीबी कुमार, महाप्रबंधक एन के झा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, मजदूर नेता रामा पाण्डेय, निर्मलजीत सिंह, रमेश गोप, राजेश कोड़ा, पंचम जॉर्ज सोय, दिलबाग सिंह, मनोज मुखर्जी, जीप सदस्य देवकी कुमारी, मुखिया पद्मिनी लागुरी, मुखिया चांदमुनी लागुरी, टीमु गोच्छाईत, पंसस भादो टोप्पो आदि के अलावे हर बस्ती के एक-एक प्रतिनिधि शामिल थे।