गैर इरादतन हत्या के चार आरोपियों को सुनाई सात साल की सश्रम कारावास की सजा
तेनुघाट
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम फहीम किरमानी ने गुरुवार को बोकारो थर्मल के चार निवासियों अजय कुमार वर्मा, राकेश कुमार वर्मा, विजय कुमार वर्मा और दीपक कुमार वर्मा को गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद चारों दोषियों को तेनुघाट जेल भेज दिया गया।
मामला 20 फरवरी 2014 का है, जब बोकारो थर्मल निवासी घनश्याम कुमार, जो लक्ष्मी ज्वेलर्स में कार्यरत था, अपने साथी अर्पण कुमार के साथ जेवरात की खरीदारी के लिए कोलकाता गया था। लौटते समय दुर्गापुर में ट्रेन में अज्ञात चोर द्वारा बैग चोरी कर लिया गया। चोरी की सूचना दुकान मालिक अजय कुमार को दी गई, और अगले दिन यानी 21 फरवरी को दोनों कर्मी वापस दुकान लौटे।
सूचक मनोज कुमार, जो मृतक घनश्याम का बड़ा भाई है, ने अपने बयान में कहा कि चोरी की घटना के बाद चारों दुकान मालिकों ने घनश्याम और अर्पण से दुकान के भीतर बंद शटर में पूछताछ करते हुए पिटाई की। शाम को लौटने के बाद घनश्याम की तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद दर्ज प्राथमिकी व गवाहों के बयान के आधार पर मामला न्यायालय में चलाया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार एवं नवीन कुमार मिश्रा ने जोरदार बहस की। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया।
इस फैसले को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे स्पष्ट संदेश गया है कि किसी भी प्रकार की हिंसा और गैरकानूनी दबाव की कीमत चुकानी होगी।