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गोमिया पुलिस 16 जून को की थी अपील, 16 जुलाई को हो गया अंत

गोमिया पुलिस 16 जून को की थी अपील, 16 जुलाई को हो गया अंत
आत्मसमर्पण नीति अपनाकर मुख्यधारा में लौटें नक्सली
गोमिया
झारखंड पुलिस द्वारा नक्सल उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत बड़ी सफलता उस वक्त हाथ लगी जब 16 जुलाई 2025 को कुख्यात इनामी नक्सली एवं सब जोनल कमांडर (SZCM) कुंवर मांझी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। दिलचस्प बात यह है कि ठीक एक माह पूर्व यानी 16 जून 2025 को गोमिया थाना प्रभारी पु0अ0नि0 रवि कुमार, चतरोचट्टी थाना प्रभारी पु0अ0नि0 दीपक राणा एवं पु0अ0नि0 मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस दल ने कुंवर मांझी के घर पहुंचकर उसके परिजनों से मुलाकात की थी।
पुलिस अधिकारियों ने मांझी की पत्नी, भाई एवं अन्य परिजनों को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति की विस्तृत जानकारी दी थी। उन्हें समझाया गया था कि कुंवर मांझी नक्सलवाद छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटे और बोकारो जिला प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करे। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था। ठीक एक माह बाद उसी तारीख को वह मुठभेड़ में मारा गया।
गोमिया थाना प्रभारी रवि कुमार ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया के माध्यम से नक्सल गतिविधियों में शामिल सभी दस्ता सदस्यों, सहयोगियों एवं हार्डकोर नक्सलियों से अपील की है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें और झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
उन्होंने कहा,
“सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत पूर्व में भी कई नक्सली आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्वक जीवन बिता रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें हरसंभव सहायता दी जा रही है। हम सभी अधिकारी इसके लिए तत्पर हैं। यह सही समय है निर्णय लेने का, नहीं तो परिणाम कुंवर मांझी जैसा हो सकता है।”
जिला प्रशासन की अपील और नीति स्पष्ट है — आत्मसमर्पण करें, सम्मानपूर्वक जीवन जीएं।

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