गोमिया: लोधी गांव की चर्चित कांड के आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
तेनुघाट
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी की अदालत ने हत्या के एक बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाते हुए आठ आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी ठहराए गए आरोपियों में तौहीद अंसारी, राजू उर्फ शराफत, सफदर अंसारी, कुद्दुस अंसारी, कबीर अंसारी, मुख्तार अंसारी, कयूम अंसारी और सगीर अंसारी शामिल हैं।
यह मामला वर्ष 2014 का है, जब गोमिया थाना क्षेत्र के लोधी निवासी व पूर्व पंचायत समिति सदस्य मो. ऐनुल अंसारी ने 20 मई को सामुदायिक अस्पताल गोमिया में पुलिस के समक्ष दिए अपने बयान में कहा था कि गांव के ही वाहिद अंसारी ने उनके भतीजे शम्मीउलाह के साथ मारपीट की थी। इस घटना की शिकायत लेकर जब वे मो. इस्लाम अंसारी के पास गए तो वहां मौजूद लोगों ने विवाद के दौरान हमला कर दिया।
बयान के अनुसार, मो. इस्लाम अंसारी ने लोहे की रॉड से शमशेर अंसारी को मारा, जिसके बाद झगड़ा बढ़ गया। इस दौरान समसुद मियां, शकूर मियां और अन्य लोग लाठी, फरसा, चाकू व रॉड से लैस होकर पहुंचे और शमशेर अंसारी पर हमला किया। वाहिद अंसारी ने फरसा से शमशेर के सिर पर वार किया, जिससे वह गिर पड़ा और उसके माथे से खून बहने लगा। शमशेर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हबीबुल्लाह नामक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
पुलिस ने मृतक के चाचा मो. ऐनुल अंसारी के बयान के आधार पर गोमिया थाना में प्राथमिकी दर्ज की और जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया गया। मामला बाद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में स्थानांतरित हुआ।
विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू एवं सूचक के अधिवक्ता अरुण कुमार सिन्हा ने मजबूत पक्ष रखा। दोनों पक्षों की गवाहियों और बहसों को सुनने के बाद जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी ने आठों आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को मृतक के परिजनों ने न्याय की जीत बताया है।