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चाईबासा: गुवा के नुईया और बरायबुरु गांव में मशरूम उत्पादन से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

चाईबासा: गुवा के नुईया और बरायबुरु गांव में मशरूम उत्पादन से आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं

चाईबासा

टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीएसएलपीएल) की सीएसआर टीम ने विभिन्न माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण के प्रयास किए हैं. इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सतत आजीविका, कृषि विकास, बाजार संपर्क और कौशल विकास शामिल हैं. इन प्रयासों के तहत, सारंडा वन क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और विजय आयरन ओर माइन के पास रहने वाले लोगों के साथ मिलकर मशरूम की खेती की पायलट परियोजना शुरू की गई है.

परियोजना का प्रारंभ और प्रशिक्षण

दिसंबर 2021 में टीएसएलपीएल ने नुईया और बरायबुरु गांव में पाँच एसएचजी और पाँच व्यक्तियों को विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किया. इस दौरान इन समूहों को 500 वर्ग फुट और अन्य लोगों को 300 वर्ग फुट शेड के क्षेत्र प्रदान किए गए. सभी आवश्यक टूल्स और उपकरण भी उपलब्ध कराए गए.

उत्पादन और बाजार

पहले सीजन में 500 किलो ओएस्टर और मिल्की मशरूम का उत्पादन किया गया, जिसकी बाजार में मांग 200-300 रुपये प्रति किलोग्राम है. इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है. 15 सदस्यीय समूह ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया और अच्छी गुणवत्ता वाले दूधिया मशरूम का उत्पादन किया.

आगे की पहल

नोवामुंडी की प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, बरायबुरु की लक्ष्मी देवी और कमला देवी ने मौजूदा कृषि के अलावा मशरूम का उत्पादन करने की पहल की. अनुकूल मौसम की वजह से इन क्षेत्रों में उत्पादन अन्य स्थानों की तुलना में अधिक रहा है.

परिणाम और भविष्य की योजना

मशरूम की खेती में पोषण तत्व अधिक होते हैं, और इसकी आय के स्थायी स्रोत के रूप में बहुत से किसानों और एसएचजी ने इसमें रुचि दिखाई है. टीएसएलपीएल ग्रामीण युवाओं के उज्जवल भविष्य और सतत आजीविका के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि टीएसएलपीएल की सीएसआर गतिविधियाँ न केवल सामुदायिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता और विकास को भी बढ़ावा दे रही हैं.

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