नावाडीह: पलायन का भेंट चढ़ा युवक का शव पहुंचा घर, ग्रामीणों ने एम्बुलेंस को 6 घंटे तक बनाया बंधक
Nawadih: बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड के युवक की मौत हैदराबाद में काम करने के दौरान हो गई थी. शनिवार को जब शव एम्बुलेंस से घर पहुंचा तो ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर एम्बुलेंस को ड्राइवर सहित बंधक बना लिया. मुआवजे की आधी रकम को मृतक के आश्रित के खाते में ट्रांसफर करने के बाद उसे मुक्त किया गया.
क्या है मामला
नावाडीह प्रखंड के मूंगोरंगामाटी पंचायत टोला पारटांड़ निवासी स्वर्गीय चिंतामणि महतो के इकलौते पुत्र भुनेश्वर महतो का हैदराबाद में 12 जून को काम करने के दौरान हादसे का शिकार हो गया था. उसे इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया जहां 13 जून को निधन हो गया.
कंपनी ने वायदा कर मुआवजा राशि नहीं दी
कंपनी ने 5 लाख रुपये मुआवजे का वादा किया था, जिसमें से 50 हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिया. शेष राशि खाते में ट्रांसफर करने की बात थी, लेकिन राशि खाते में नहीं आने के कारण परिजनों और ग्रामीणों ने शव को एंबुलेंस से बाहर निकालने से मना कर दिया. लगभग छह घंटे तक परिजनों और ग्रामीणों ने एंबुलेंस को अपने कब्जे में रखा. जब मंत्री बेबी देवी के पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू मौके पर पहुंचा तब वह कंपनी के अधिकारी से वार्ता किया और आधा रकम तत्काल मृतक के आश्रित के खाते में ट्रांसफर कराया. इसके बाद शव को एम्बुलेंस से बाहर निकाला.
मौके पर मंत्री बेबी देवी के पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू, स्थानीय मुखिया मोहन महतो, सीपीआई नेता नुनुचंद महतो, भीमलाल महतो आदि ने मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया और हर संभव मदद करने की बात कही. मौके पर मनोज महतो, पंसस पति बालेश्वर महतो, झामुमों नेता साधु सदानंद भाई पटेल, हेमंत कुमार महतो, जयलाल महतो, नीलकंठ महतो, पूर्व पंसस हरिलाल महतो, जेबीकेएसएस नेता देवनारायण महतो आदि ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की.