बेरमो
सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र अन्तर्गत एसडीओसीएम परियोजना के आउटसोर्सिंग कंपनी बीएलए में कार्यरत चालक सोनाराम राम मांझी का निधन हो गया। परिजनों ने शव के साथ कारीपानी माइंस में शव के साथ धरना पर बैठ गए। 5 घंटे बाद वार्ता हुई और मृतक के परिवार को मुआवजा और कंपनी में एक आश्रित को रोजगार देने पर सहमति बनी, तब लोग धरने से उठे।
क्या है मामला
30 मई को सोनाराम मांझी अन्य दिनों की तरह काम पर गया था। उसे नन एसी वोल्भो गाड़ी चलाने के लिए दिया गया। वह नन एसी वोल्भो गाड़ी से कोयला लोड कर कारीपानी माइंस से कल्याणी स्टाक पहुंचने के क्रम में ही वह बेहोश हो गया। कोयला यार्ड के पास अन्य कर्मचारियों ने उसे स्टेयरिंग पकडे बेहोश देखा। आनन फानन उसे तत्काल केन्द्रीय अस्पताल ढोरी ले गए। वहां प्राथमिक ईलाज के बाद के मेमोरियल चास भेज दिया गया। चास में ईलाज के दौरान 31 मई की शाम को उसकी मौत हो गई। परिजन शव को लेकर 1 जून को कारीपानी माइन्स लेकर पहुंचे और नौकरी व मुआवजा को लेकर धरने पर बैठ गए।
वार्ता में क्या हुआ
शनिवार को कारीपानी माइन्स में परिजन और अन्य राजनीतिक दल के लोग शव के साथ धरने पर बैठ गए। कड़ी धूप में करीब साढ़े पांच घंटे तक धरना पर बैठे रहे। इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओ व संयुक्त यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ चन्द्रपुरा अंचलाधिकारी और सीसीएल के अधिकारियों के मौजूदगी में कंपनी प्रबंधन से वार्ता हुई। वार्ता में मृतक की पत्नी बुधनी देवी को पंद्रह लाख रूपए का चेक एवं दाह संस्कार के लिए नगद तीन लाख रूपए दिया गया। परिजन को आउटसोर्सिंग कंपनी बीएलए में एक व्यक्ति नौकरी देने की सहमति बनी। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए चास भेजा।मौके पर जेबीकेएसएस के नेता जयराम महतो, झामुमो के जयलाल महतो, मंत्री बेबी देवी के भतीजा प्रदीप महतो सहित समाजसेवी दौलत महतो, पूर्व मुखिया नकुल महतो, यूनियन प्रतिनिधि शिवनंदन चौहान, भीम महतो, सहित कई लोग उपस्थित थे। वार्ता में प्रबंधन की तरफ से परियोजना पदधिकारी शैलेश प्रसाद, एरिया एसओपी प्रतुल कुमार, वरीय प्रबंधक कार्मिक मोहम्मद तौकीर, खान प्रबन्धक राजीव कुमार, एरिया सुरक्षा पदाधिकारी सीताराम यूइके,आउटसोर्सिंग कंपनी के मैनेजर संतोष सिंह आदि शामिल थे।