बेरमो एसडीओ ने मां शारदे सेवा सदन अस्पताल को किया सील
गोमिया
बेरमो एसडीओ अशोक कुमार ने शनिवार को गोमिया के सवांग स्थित मां शारदे सेवा सदन हॉस्पिटल को सील कर दिया। एसडीओ ने बताया कि उक्त हॉस्पिटल अवैध रूप से चल रहा था। इसके साथ ही हॉस्पिटल चलाने का जो नॉर्मस है उसका पालन भी नहीं किया जा रहा था इसलिए हॉस्पिटल सील कर दिया। उन्होंने बताया कि डीसी के आदेश पर शनिवार को अहले सुबह से ही जांच की जा रही थी। जांच के बाद हॉस्पिटल के प्रबंधक को हॉस्पिटल चलाने के लिए जो लाइसेंस प्राप्त है उसे मांगा गया जो मौके पर उपलब्ध नहीं कराया गया। इसके अलावा हॉस्पिटल के पैथोलॉजी से लेकर लैब टेक्नीशियन चलाने वाले का योग्यता प्रमाण पत्र भी नहीं दिखाया गया। लिहाजा हॉस्पिटल को सील कर दिया गया। एसडीओ के निर्देश पर गोमिया बीडीओ महादेव महतो, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह सीओ प्रदीप कुमार महतो, गोमिया अस्पताल के प्रभारी बलराम मुखी, कार्यपालक दंडाधिकारी प्रवीण कुमार और थाना प्रभारी नित्यानंद भोगता मां शारदे सेवा सदन सील करने पहुंचे थे। सीओ ने बताया कि एसडीओ के निर्देश पर हॉस्पिटल को सील किया गया है।
एसडीओ अशोक कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल बेरमो में प्रतिनियुक्त डॉ जितेंद्र कुमार और उप स्वास्थ्य केंद्र महुआटांड़ में पदस्थापित डॉ रंजन कुमार इतनी दूरी तय कर इस अस्पताल में कैसे सेवा देने पहुंचते हैं यह भी जांच का विषय है।
क्या है मामला ?
शनिवार की सुबह बेरमो एसडीओ औचक निरीक्षण करने गोमिया के सवांग स्थित मां शारदे सेवा सदन हॉस्पिटल पहुंचे। इस दौरान गोमिया बीडीओ महादेव महतो, सीओ प्रदीप कुमार महतो और कार्यपालक दंडाधिकारी प्रवीण कुमार और थाना प्रभारी नित्यानंद भोगता भी साथ थे। इस संबंध में एसडीओ ने बताया कि बोकारो के उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर जांच की जा रही है. काफी लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि डॉ जितेंद्र कुमार और डॉ चंचला कुमारी सरकारी चिकित्सक हैं, लेकिन वे सरकारी अस्पताल में सेवा देने के बजाय निजी अस्पताल में समय देते हैं. उन्होंने बताया कि वे दोनों पति पत्नी भी हैं। डॉ चंचला गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित है. जबकि वे दोनों मां शारदे सेवा सदन में ज्यादा समय देती हैं. इस अस्पताल में दोनों चिकित्सक के नाम का बोर्ड और चैंबर भी है. एसडीओ ने बताया कि निजी अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है कि इस निजी अस्पताल में कितना समय देते हैं. साथ ही अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी और टेक्नीशियन के प्रमाण पत्र की भी जांच की जा रही है. वहीं इस अस्पताल में जो भी चिकित्सा से जुड़े इंस्ट्रूमेंट है उसकी खरीद करने से संबंधित सभी जानकारी अस्पताल प्रबंधक को उपलब्ध कराने को कहा है. एसडीओ ने करीब चार घंटे तक जांच पड़ताल की. जांच के दौरान अस्पताल प्रबंधक ने एसडीओ द्वारा मांगे जा रहे दस्तावेज को प्रस्तुत करने में काफी समय ले रहा था इसलिए जांच काफी देर तक चली. इस बात से एसडीओ नाराज भी दिखाई दे रहे थे। बता दें कि डॉ जितेंद कुमार गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी रह चुके हैं। अभी दूसरे अस्पताल में प्रतिनियुक्त हैं.
सर्पदंश से बच्ची की मौत मामले पर भी की गई जांच
एसडीओ ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सक और अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि 29 मई को गोमिया प्रखंड के बड़की पुन्नू निवासी 09 वर्षीय प्रिया कुमारी को सांप काटने से निधन हो गया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि वे गोमिया अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे थे लेकिन उस समय वहां चिकित्सक नहीं मिले. समय पर इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. इसी मामले पर डीसी ने संज्ञान लिया है और जांच के आदेश दिया गया है. उपायुक्त के आदेश पर पूछताछ की जा रही है.