बोकारो: विकसित समाजों के बराबर अपनी सोच बदलने की जरूरत है: डीडीसी
बोकारो: बोकारो समाहरणालय स्थित सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 बोकारो अंतर्गत जिला स्तरीय ठोस एवं तरल कचड़ा प्रबंधन के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला सफलतापूर्वक समापन किया गया है. कार्यशाला का उद्घाटन उप विकास आयुक्त संदीप कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ की गई. कार्यशाला में कचड़ा (अपशिष्ट) प्रबंधन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध स्वच्छता विशेषज्ञों ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्यशाला में संबोधित किया. मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी पूर्णिमा कुमारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा, कार्यपालक अभियंता पेयजल स्वच्छता प्रमंडल चास रामप्रवेश राम, कार्यपालक अभियंता पेयजल स्वच्छता प्रमंडल तेनुघाट शशि शेखर सिंह, यूनिसेफ के राज्य सलाहकार संजय पांडेय, दिग्विजय कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी साकेत कुमार पांडेय, डीपीएम जेएसएलपीएस प्रकाश रंजन, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी चास, राज्य साधना सेवी आईडीएफ घनश्याम, यूनिसेफ के डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेट नेहा सिंह सहित विभिन्न पंचायतो के मुखिया उपस्थित थे.
हमें विकसित समाजों के बराबर अपनी सोच बदलने की जरूरत है
उप विकास आयुक्त ने कहा कि प्लास्टिक उत्पाद ग्रामीण इलाकों में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती के रूप में उभरा है। इस कारण प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण मानदंड बनाया गया है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत का सपना तभी साकार हो सकता है जब हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे.
कार्यशाला के दौरान जरीडीह पूर्वी पंचायत के मुखिया श्रीमती कंचन देवी, सवांग दक्षिणी पंचायत की मुखिया रीना सिंह, मुखिया गजेंद्र मिश्रा, नरकेरा पूर्वी पंचायत की मुखिया बबीता कुमारी, सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चास एवं तेनुघाट, कनीय अभियंता सहित सभी जल सहिया एवं स्वच्छता ग्राही उपस्थित थे.