बोकारो
बोकारो के उपायुक्त विजया जाधव ने कहा है कि जिले का गोमिया प्रखंड नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। जिले का यह आंकाक्षी प्रखंड है। बेहतर सेवा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन का लक्ष्य है। लापरवाही करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहले भी कई शिकायतें मिली है, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पिछले दिनों गोमिया प्रखंड के बड़कीपुन्नू गांव की प्रिया कुमारी सर्पदंश से पीड़ित हो गई थी। इलाज के लिए गोमिया सामुदायिक स्वास्थ्य पहुंची थी, लेकिन समय पर इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई। इसी मामले पर डीसी ने संज्ञान लिया और बेरमो एसडीओ को जांच का आदेश दिया। बेरमो एसडीओ अशोक कुमार ने मामले की जांच कर शनिवार देर शाम जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को समर्पित किया।
जांच में क्या है
अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया है कि मृत बच्ची प्रिया कुमारी के परिजन 29 मई को सुबह लगभग 6.18 बजे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें थे। उस समय चिकित्सक डा. चंचला उपस्थित नहीं थी। मौके पर पदस्थापित एएनएम कुमकुम कुमारी ने चिकित्सक डा. चंचला कुमारी को फोन किया, लेकिन फोन रिसिव नहीं किया गया। जबकि, स्वास्थ्य केंद्र में संर्पदंश से उपचार संबंधित दवा उपलब्ध थी। इससे संबंधित डाक्टर की लापरवाही स्पष्ट इंगित होती है।
जांच प्रतिवेदन में इस बात का भी उल्लेख है कि, सीएचसी गोमिया में पदस्थापित डा. चंचला अपने पति डा. जितेंद्र कुमार के साथ सीएचसी गोमिया से कुछ दूरी पर निजी अस्पताल (क्लीनिक) मां शारदे सेवा सदन गोमिया में सेवा देते हैं।
मां शारदे सेवा सदन गोमिया में मिली भारी अनियमितता, किया गया सील
अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने आगे निजी अस्पताल/ क्लीनिक मां शारदे सेवा सदन गोमिया का औचक जांच किया। जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएं हैं। अनुमंडल पदाधिकारी ने अपने जांच प्रतिवेदन में लिखा है कि उक्त निजी अस्पताल/ क्लीनिक के संचालन में भारी अनियमितता बरती गई है।
माँ शारदे सेवा सदन गोमिया के मैनेजर विवेक कुमार एवं डॉ० जितेन्द्र कुमार से क्लिनिक संचालन से संबंधित निबंधन प्रमाण पत्र की माँग की गई, परन्तु उनके द्वारा निबंधन प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। इनके द्वारा बताया गया कि नवीनीकरण करने के लिए आवेदन किया गया है। जिससे स्पष्ट है कि बिना निबंधन के ही अवैध रूप से सेवा सदन का संचालन किया जा रहा है। जाँचोंपरान्त यह पाया गया कि सेवा सदन, गोमिया में कुल 06 चिकित्सक कार्यरत है। जिसमें तीन प्रमुख रूप से (1) डॉ० चंचला कुमारी, जिनका पदस्थापन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, गोमिया में है। (2) डॉ० जितेन्द्र कुमार, जिनका पदस्थापन, अनुमण्डलीय अस्पताल, फुसरो एवं (3) डॉ० रंजन कुमार, प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्र, महुआटांड़ में पदस्थापित है। तीनों सरकारी डॉक्टर के रूप में कार्यरत है। इन चिकित्सकों के द्वारा पदस्थापन स्थल से इतनी दूरी तय कर गोमिया में माँ शारदे सेवा सदन में कार्य किया जा रहा है। बताया गया कि लैब में सन्नी राम टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत है। इस संदर्भ में श्री राम द्वारा लैब टेक्नीशियन से संबंधित प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। किस परिस्थिति में यह लैब चलाया जा रहा है। लैब चलाने के लिए एमबीबीएस डॉक्टर का होना जरूरी है। उक्त सेवा सदन में कोई भी एमबीबीएस पैथोलोजिकल डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहने के बावजूद भी मरीजों की खून इत्यादि की जाँच की जा रही है। ऐसे में मरीजों की खून इत्यादि की जाँच स्वच्छ एवं सही तरीके से किये जाने की पुष्टि नहीं हो सकती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि क्लिनिक प्रबंधन के द्वारा अवैध रूप से मरीजों का जाँच कर उनकी जान से खिलवाड़ करते हुए राशि की उगाही की जा रही है। जाँच के दौरान माँ शारदे सेवा सदन के प्रबंधक विवेक कुमार से यह पूछा गया कि जाँच में लैब टेकनिशियन के साथ कोई पैथोलोजिकल डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, ऐसी स्थिति में आपके द्वारा मरीजों को रिर्पोट किस प्रकार दिया जाता है, परन्तु उनके द्वारा इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई। जाँचोपरान्त यह भी तथ्य सामने आया कि डॉ० चंचला कुमारी, डॉ० जितेन्द्र कुमार पति पत्नी है। साथ ही, सेवा सदन के श्री विवेक कुमार मैनेजर डॉ० चंचला के सहोदर भाई है।
जांच में अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि बिना निबंधन के अवैध रूप से उपरोक्त सेवा सदन का संचालन विवेक कुमार के द्वारा किया जा रहा है। पूरे मामले से अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो ने उपायुक्त बोकारो को अवगत कराते हुए नियमानुसार अंचलाधिकारी गोमिया को बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करते हुए माँ शारदे सेवा सदन को सीलकर दिया।
जांच प्रतिवेदन में संबंधित चिकित्सक डा. चंचला कुमारी द्वारा लापरवाही, उक्त तिथि को सीएचसी में अनुपस्थित रहने, पदस्थापित एएनएम द्वारा फोन करने पर फोन रिसीव नहीं करने की बात सामने आयी है। साथ ही, गोमिया सीएसची से दो किमी के अंदर ही डॉ चंचला कुमारी अपने पति डा. जितेंद्र कुमार के साथ निजी अस्पताल/ क्लीनिक में सेवा दे रही थी।