शैलजा पाइक दलित प्रोफेसर को अमेरिका में ‘जीनियस ग्रांट’ मिला
डेस्क
शैलजा पाइक एक प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर हैं जिन्हें हाल ही में मैकआर्थर फाउंडेशन से 800,000 डॉलर का ‘जीनियस ग्रांट’ मिला है। यह पुरस्कार उनके दलित महिलाओं पर शोध और कई पुस्तकों के लिए दिया गया है । शैलजा पाइक पुणे के यरवडा की मूलनिवासी हैं और दलित समाज से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपने जीवन को जातिगत पूर्वाग्रहों के खिलाफ लड़ाई में समर्पित किया है और आज वे दुनिया भर में अपने काम के लिए जानी जाती हैं ।
शैलजा पाइक वर्तमान में अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर हैं। उन्हें 2024 के लिए 22 मैकआर्थर फेलो में से एक नामित किया गया है। यह पुरस्कार उनके काम की मान्यता है और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए प्रेरणा प्रदान करता है ।
मैकआर्थर फेलोशिप एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो हर साल अमेरिका में अलग-अलग क्षेत्रों के 20 से 30 शोधकर्ताओं और विद्वानों को दिया जाता है। यह पुरस्कार उनकी असाधारण उपलब्धियों और क्षमता को पहचानने के लिए दिया जाता है .