सीता-गीता और ससुर-दामाद हारे, जीती देवरानी
अनंत
झारखंड में लोकसभा का परिणाम बहुत ही दिलचस्प रहा. मतदाताओं ने बता दिया कि दल बदल करने से जीत नहीं मिलने वाली है. पार्टी में मजबूती के साथ बने रहें, सफलता जरूर मिलेगी. इस 18 वीं लोकसभा चुनाव में दल बदल करने वाले नेताओं की मतदाताओं ने छुट्टी कर दी है, वहीं कई सीटों पर परिवार के सदस्य जो खड़े थे, उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. लोकसभा के गिरिडीह और हजारीबाग सीट पर ससुर और दामाद चुनाव मैदान में थे. गिरिडीह लोकसभा से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी मथुरा महतो चुनाव लड़ रहे थे, वहीं कांग्रेस पार्टी से उनके दामाद जयप्रकाश पटेल हजारीबाग से चुनावी मैदान में थे. जयप्रकाश पटेल चुनाव से कुछ दिन पहले ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए थे. लेकिन ससुर और दामाद को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं दिसोम गुरु शिबू सोरेन के दो पुत्रवधुएं चुनाव लड़ रही थी. जिसमें से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय से विधानसभा की उपचुनाव में हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा बचाने उतरी थी. कल्पना सोरेन ने भारी अंतर से जीत दर्ज की. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जेठानी सीता सोरेन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई, जो दुमका लोकसभा से चुनाव लड़ी. उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसी प्रकार जो दल बदल करके चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे, उनमें से पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थी. चुनाव लड़ी लेकिन हार का सामना करना पड़ा. इसी प्रकार बागी विधायक लोबिन हेम्ब्रम और चमरा लिंडा का भी यही हाल रहा.