सेवानिवृत्त शिक्षक छोटन राम और समाजसेवी नकुल के निधन पर भोज नहीं, श्रद्धांजलि सभा कर पेश की मिसाल
गोमिया
गोमिया प्रखंड में समाजसेवा की मिसाल बने दो विभूतियों साड़म हरिजन टोला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक एवं समाजसेवी छोटन राम तथा होसिर बगिया टोला निवासी नकुल रविदास के निधन पर परिजनों ने पारंपरिक भोज न कर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। यह कदम समाज में एक नई सोच और सकारात्मक संदेश का प्रतीक बन गया।
ज्ञात हो कि छोटन राम का निधन 22 अगस्त को हुआ था, लेकिन दाह संस्कार 23 को किया गया था, जबकि नकुल रविदास का निधन 24 अगस्त को। मंगलवार को छोटन राम की ग्यारहवीं और नकुल रविदास का दशकर्म था। इस अवसर पर उनके घरों पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें नमन किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया।
छोटन राम की श्रद्धांजलि सभा में उनके पुत्र दिलीप राम के अलावा शिक्षक मदन रविदास, धनंजय रविदास, जयप्रकाश रविदास, सहदेव रविदास, प्यारेलाल, नकुल राम, गजाधर रविदास समेत कई परिजन और ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने उनके शिक्षण कार्य और समाज सेवा को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।
वहीं नकुल रविदास की श्रद्धांजलि सभा बौद्ध रीति-रिवाज से संपन्न हुई। बौद्धाचार्य मदन और रेवत रविदास ने बौद्ध पद्दति से कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष उपस्थित हुए। नकुल रविदास के पुत्र रोहित रविदास और मोहित रविदास ने भोज नहीं करने का निर्णय लिया और केवल श्रद्धांजलि सभा कर कार्यक्रम संपन्न किया। ग्रामीणों का कहना था कि यह कदम समाज में एक नई परंपरा की शुरुआत है, जहां भोज की बजाय दिवंगत आत्माओं के कार्यों को याद करना और समाज में अच्छे संदेश देना अधिक महत्वपूर्ण है। यह आयोजन न सिर्फ परिजनों बल्कि पूरे इलाके के लिए प्रेरणादायी बन गया है। इस अवसर पर होसिर पश्चिमी पंचायत के पंसस महेश रविदास, भीम आर्मी के प्रखंड अध्यक्ष मुकेश दास, नारायण रविदास, माणिक रविदास सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे।