सीसीएल कथारा क्षेत्र में गंदगी का अंबार: स्वच्छता अभियान की पोल खुली
वी भारती/कथारा
सीसीएल कथारा क्षेत्र की कॉलोनियों में फैली गंदगी ने स्वच्छता अभियान की असलियत को उजागर कर दिया है. 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चल रहे स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत जहां एक ओर स्वच्छता की शपथ ली जा रही है, वहीं दूसरी ओर सीसीएल कॉलोनियों की स्थिति यह दर्शा रही है कि अभियान महज दिखावे तक सीमित है.
गंदगी का आलम यह है कि बरसात में गंदगी सड़कों पर फैली हुई है, कूड़ेदान भर चुके हैं और कचरा आसपास की जगहों पर बिखरा पड़ा है. तस्वीरें साफ दर्शा रही हैं कि स्वच्छता अभियान का वास्तविक उद्देश्य कहीं खो गया है. महज कुछ कॉलोनियों में ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में गंदगी का अंबार फैला हुआ है.
इस अभियान के दौरान कई लोग स्वच्छता कार्यक्रम के तहत फोटो खिंचवाने में लगे हुए हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि सफाई का काम कहीं नजर नहीं आ रहा. अब सवाल यह उठता है कि क्या गांधी जयंती के अवसर पर भी यही खानापूर्ति जारी रहेगी, या फिर इस बार स्वच्छता के प्रति वास्तविक प्रयास किए जाएंगे.
सीसीएल के सिविल विभाग की ओर से भी इस मामले में गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है. क्षेत्र की गंदगी पर वह महज मूकदर्शक की भूमिका में हैं. विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेता भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. बेरमो विधायक प्रतिनिधि और राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वच्छता अभियान अब महज खानापूर्ति बन चुका है.
उन्होंने बताया कि कॉलोनियों में पिछले तीन महीनों से सफाई का कार्य बाधित पड़ा हुआ है. श्रमिक नेता राज कुमार मंडल ने भी गंदगी से लोगों की परेशानियों का हवाला देते हुए सीसीएल प्रबंधन से तत्काल सकारात्मक कार्रवाई की मांग की. उन्होंने यह भी अपील की कि स्वच्छता अभियान को महज फोटो खिंचवाने का माध्यम न बनाएं, बल्कि इसे सफल बनाने में सहयोग करें, ताकि “स्वच्छ भारत, निर्मल भारत” का सपना साकार हो सके.