40,000 करोड़ रुपये का विरासत छोड़ बने बौद्ध भिक्षु
डेस्क/झारखंड न्यूज़ लाइव/सुरेन्द्र
वेन अजाहन सिरिपैन्यो, जो मलयेशियाई अरबपति अनंद कृष्णन के बेटे हैं, ने अपने जीवन में 5 बिलियन डॉलर (करीब 40,000 करोड़ रुपये) की विरासत को छोड़कर बौद्ध भिक्षु बनने का निर्णय लिया। उन्होंने 18 वर्ष की आयु में थाईलैंड यात्रा के दौरान अस्थायी रूप से संन्यास लिया था, लेकिन यह अनुभव उनके लिए एक स्थायी आध्यात्मिक यात्रा बन गया।
वे वर्तमान में थाईलैंड-म्यांमार सीमा पर स्थित डाओ डम मठ के प्रमुख (एबट) हैं और एक सादा जीवन जीते हैं, जिसमें वे भिक्षा पर निर्भर रहते हैं। उनकी मां, ममवाजरॉन्गस सुप्रिंदा चक्रबान, थाई शाही परिवार से हैं, जिससे उनके जीवन को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी मिलता है।
सिरिपैन्यो को कई भाषाओं का ज्ञान है और वे अपनी साधारणता और ध्यान के प्रति गहन निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। उनकी कहानी आधुनिक समाज में भौतिकता से परे जीवन के मूल्य को दर्शाती है.