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गोमिया में CSC संचालक पर फर्जीवाड़े का आरोप, मुखिया अंशु कुमारी की मुहर व हस्ताक्षर के दुरुपयोग का मामला

गोमिया में CSC संचालक पर फर्जीवाड़े का आरोप, मुखिया अंशु कुमारी की मुहर व हस्ताक्षर के दुरुपयोग का मामला

सुरेन्द्र/डेस्क

गोमिया प्रखंड के सरकारी कॉलोनी रोड स्थित सीएससी संचालक सूरज कुमार (सूरज स्टोर) पर पंचायत की मुखिया अंशु कुमारी की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर जाति, आय, आवासीय सहित अन्य प्रमाण पत्र बनाने और सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा करने का गंभीर आरोप लगा है।

मुखिया अंशु कुमारी ने इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक लिखित शिकायत देकर मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जब हल्का नंबर 06 के राजस्व कर्मचारी अनूप तुरी के पास ससबेड़ा पूर्वी पंचायत निवासी प्रिया कुमारी (पिता स्व. हरेन्द्र यादव) का एक आवेदन मिला, तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि उक्त आवेदन CSC संचालक सूरज कुमार द्वारा लाया गया था।

मुखिया ने जताई गड़बड़ी की आशंका

मुखिया अंशु कुमारी ने आशंका जताई कि सूरज कुमार द्वारा पूर्व में भी उनके फर्जी हस्ताक्षर व मुहर का उपयोग कर दर्जनों जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत कराए गए होंगे। साथ ही, पीएम किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना जैसे सरकारी लाभों को हड़पने के लिए भी उनके हस्ताक्षर और मुहर का दुरुपयोग किया गया हो सकता है।

जांच और कार्रवाई की मांग

मुखिया ने प्रशासन से मांग की है कि 14 जून 2022 को उनके निर्वाचन के बाद CSC संचालक सूरज कुमार की आईडी से जारी सभी प्रमाण पत्रों की तत्काल समीक्षा कर उन्हें निरस्त किया जाए। इसके अलावा, पंचायत के लाभुकों के नाम पर हुए फर्जी आवेदनों की जांच कर उनके लाभ को रोकने की कार्रवाई की जाए। साथ ही, सूरज कुमार की CSC आईडी को रद्द कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

इस संबंध में CSC संचालक सूरज कुमार ने बताया कि उन्होंने कोई भी गड़बड़ी नहीं की है।

प्रशासनिक कार्रवाई की संभावना

इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रखंड कार्यालय इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने पर सूरज कुमार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह गोमिया प्रखंड में एक बड़ा फर्जीवाड़ा मामला बन सकता है।

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