फुसरो में संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का पुतला फूंका
नए श्रम कानूनों ने सीमित किए मजदूरों के अधिकार, 44 कानूनों की जगह 4 श्रम कोड लाने का विरोध
बेरमो/डेस्क
संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा से संबद्ध इंटक, एटक, सीटू और एक्टू की यूनियनों ने केन्द्रीय बजट और नए श्रम कानूनों के विरोध में फुसरो बैंक मोड़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एटक के वरीय नेता चंद्रशेखर झा ने की.
मजदूर और किसान विरोधी बजट: यूनियन नेताओं का आरोप
इंटक के वरीय नेता श्यामल कुमार सरकार और एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि केन्द्रीय बजट पूरी तरह से मजदूर और किसान विरोधी है. सरकार मजदूर विरोधी 4 श्रम संहिता को लागू करने पर अड़ी हुई है, जिससे श्रमिकों के अधिकार सीमित हो जाएंगे.
सीटू नेता भागीरथ शर्मा ने कहा कि सरकार 44 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर केवल 4 श्रम कोड लागू करने जा रही है, जो श्रमिकों के लिए नुकसानदायक होगा. उन्होंने मजदूरों से एकजुट होने की अपील की.
फुसरो में निकाला गया जुलूस
पुतला दहन से पहले पुराने बीडीओ कार्यालय से बैंक मोड़ फुसरो तक जुलूस निकाला गया। इस प्रदर्शन में कई प्रमुख ट्रेड यूनियन नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग:
इस विरोध प्रदर्शन में जय नारायण महतो, हरेंद्र प्रसाद सिंह, छेदी नोनिया, शिवनंदन चौहान, गणेश मल्लाह, प्रताप सिंह, वृज बिहारी पांडेय, जितेंद्र दूबे, उत्तम सिंह, जयराम सिंह, परवेज अख्तर, पंचानन मंडल, सुजीत कुमार घोष, जवाहरलाल यादव, भीम महतो, मोहम्मद कलीमुद्दीन, जयनाथ मेहता, पंकज महतो, बालेश्वर गोप, अजय कुमार सिंह, श्याम बिहारी सिंह दिनकर, प्रदीप सिंह, विजय कुमार भोई, भुनेश्वर केवट, कुंज बिहारी प्रसाद, अरुणजय सिंह, रईस आलम और रफिक अंसारी समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे.
संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा ने केंद्र सरकार से नए श्रम कोड को रद्द करने और मजदूरों के पुराने अधिकार बहाल करने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आगे और बड़े आंदोलन किए जाएंगे.